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#क्षितिजकीओर
क्षितिज की ओर बढ़ते हैं सपने,
दूर कहीं जहाँ मिलते हैं नभ और धरती,
हर कदम पर अनंत की चाह,
अज्ञात की ओर खींचती, नयी राह।
सूरज भी वहां रोज़ नया रंग बिखेरता,
क्षितिज की गोद में दिन ढलता,
हमारी उम्मीदें भी वहीं रुकती हैं,
जहाँ क्षितिज में जीवन सिमटता।
अनंत में लहराता एक संदेश,
क्षितिज की ओर है हर यात्रा विशेष।
वहां पहुँचने की चाह में चलते रहे,
क्षितिज की ओर हम सदा बढ़ते रहे।