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जिन्दगी में कुछ पल ऐसे होते हैं जिन्हें हम कभी नहीं भूल सकते। निधि और राकेश के लिए भी ऐसा कुछ ही दिन थे जो उन्हें हमेशा याद रहेगा। वे दोनों एक ही रेजिडेंट में रहते थे और एक दूसरे के साथ मिलकर कई मिशन्स पार कर चुके थे। निधि एक बहुत ही सुंदर और होशियार लड़की थी जिसके साथ हर मुश्किल का सामना करना बहुत ही आसान लगता था। वह हमेशा मिशन के लिए तैयार रहती और उसे पूरा करने के लिए कोई भी कठिनाई से नहीं हटती थी।
एक दिन, निधि और राकेश को एक बहुत ही बड़ा मिशन सौंपा गया। इस मिशन का उद्देश्य था भारत की स्वतंत्रता के लिए लड़ना। दोनों को अपने देश के लिए जान की बाजी लगानी थी। यह मिशन बहुत ही कठिन था लेकिन निधि को विश्वास था कि वे इसे पूरा कर सकती है।
निधि ने राकेश से कहा, हमें इस मिशन को सफलतापूर्वक पूरा करना होगा। हमें मिलकर मिलनसार काम करना होगा।
राकेश भी उसके साथ सहमत था और उन्होंने मिलकर योजना बनाई। वे जान भी गवाने को तैयार थे लेकिन अपने देश के लिए वो कुछ भी कर सकते थे।
दोनों ने मिशन की शुरुआत की और हर कठिनाई का सामना किया। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और जोरदार संघर्ष करते हुए आगे बढ़ते गए।
एक दिन, उन्हें एक बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा। वे एक अत्यंत कठिन परीक्षा का सामना करने जा रहे थे जिसमें वे अपने जान की परवाह किए बिना ही मिशन को पूरा कर सकते थे।
निधि और राकेश एक-दूसरे के हाथ में हाथ डाले उस चुनौती का सामना करने के लिए तैयार थे। वे जानते थे कि यह चुनौती उनके लिए अत्यधिक कठिन है लेकिन उनका विश्वास अद्भुत था।
चुनौती का दिन आया और निधि और राकेश ने अपने प्राणों की ठोकरें खाई लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। धीरे-धीरे वे चुनौती के मुकाबले में काबिल हो गए। उन्होंने अपनी सारी मेहनत और जान को लगा दिया और अंत में वे उस चुनौती को जीत लिया।
जब वे वापस लौटे तो उनके साथ एक बड़ा समर्पण किया गया
समाप्त
२२/१/२०२५ ३:२२ दोपहार