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तूँ अकेले चलने कि हिम्मत रख,
कितने हारे बैठे हैं ....!
माना कि जीत आसान नहीं,
पर जीत हार नहीं ...!
सफ़र एक बार में सफल हो,
जरूरी ये नहीं...!
असफलता के पहले है सफलता,
असफलता के बाद भी
है सफलता..!
बस चलते रहना ही है सफलता,
रुक जाना है असफलता..!
मिल जाते हैं राहों में बनकर कितने कांटे,
उन कांटो में न फसकर,
बस चलते जाना आगे...!
पा लोगे तुम मंजिल को,
जीवन कि पकदन्डी को......!