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प्यार आहत को पूछता है कि तुम हमेशा मुझे ही दोषी क्यों ठहराते हो।
आहत जवाब देता है कि मैं तुम्हें दोष नहीं देता लेकिन मनुष्य नहीं जानते कि तुम एक निःस्वार्थ, बिना शर्त, असीमित और बिना किसी अपेक्षा के शुद्ध भावना हो।
उनकी वजह से तुम तो बदनाम हो हो, वो ऊपर से मुझे बीच में ले आते हैं।😂
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