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संतुलन की शुरुआत कहती है।

हम अपना सर्वस्व अपनी संतानों को देकर धरती से विदा हो जाते हैं। यदि संतान को कामयाब बनाने की ललक भीतर है। आप दुनिया में सफल इंसान बन सकते है।

इसे थोड़ा विस्तार देने के लिए, यहाँ कुछ विकल्प हैं:

सफलता की सीढ़ी पर संतान:

"बच्चे, सफलता की सीढ़ी के मजबूत पायदान हैं।"
"संतान, सफलता की यात्रा में सबसे बड़ा सहारा।"
"सफलता की सीढ़ी पर चढ़ने के लिए, संतान का प्यार और समर्थन आवश्यक है।"

इन वाक्यों में सफलता और संतान के बीच के संबंध को दर्शाया गया है, और यह बताया गया है कि कैसे संतान सफलता की यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।