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जिसकी जैसी सोच है... वह उसी का‌ अनुसरण करता है।
गीता, कुरान और बाइबल से भी महान है यह ग्रंथ जिसे भारत " संविधान " कहता है !!!
।। मानवता का रक्षक ।।
।। एकता का प्रतीक ।।
।। आजादी का हथियार ।।
।। भारतीय संविधान ।।
मैंने गीता, कुरान और बाइबल से इसलिए महान कहा है...
क्योंकि, गीता, कुरान और बाइबल हमें धर्म के नाम पर बांट देते हैं। तुम हिंदू, वो मुसलमान है, मैं ईसाई हूं, कोई सीख है तो कोई जैन ।।
लेकिन संविधान ही एकमात्र ऐसी किताब है... जो बोलती है हम सब एक ही हैं... " भारतीय " !!!
संविधान एक संघ हैं.. जो संगठित करता है सबको !
लेकिन, दशा इस राष्ट्र की ऐसी है... जिसे दिशाहीन किया जा रहा है। संविधान को सामने न लाकर संपूर्ण भारत को तोड़ने की कोशिश की जा रही है।
सत्य छुपाकर असत्य का प्रचार किया जा रहा है।
और भारत के अधिकांश लोग असत्य को ही सत्य मानकर, गुलाम की जिंदगी आराम से जीना चाहते हैं।
क्योंकि उन्होंने सत्य को जानने की कोशिश ही नहीं की।
बस अपना स्वार्थ देखने लगे, और समाज में एक दूसरे की निंदा कर.. खुद को औरों से श्रेष्ठ मानने , बताने की कोशिश कर रहे हैं। जो कि समय कभी भी मानने को तैयार नहीं होगा!
समय कहता है कि मेरे साथ चलो, वास्तविक जीवन को समझो और परिवर्तन करने की कोशिश करो।
लेकिन, लोग यह मानने को तैयार नहीं... वो अब भी पुरानी और कथित कथाओं को मानकर चल रहे हैं.. इसलिए वो दुखी हो रहें हैं।
विज्ञान एवं तर्क को अपनाने की कोशिश करो।
जिंदगी तुम्हें कभी निराश नहीं कर पाएंगी।
।। जय भारत, जय संविधान ।।