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यूँ भी उनसे मुझे कोई उमीद हैं नहीं..
के कभी वो ख़ुद से आएंगे मुझसे मेरी तकलीफ़
मेरा हाल पूछने..
मुझे उनसे ऐसी कोई उमीद नहीं..
उनकी दुनियाँ अलग हैं..
वो ख़ुश रहे अपनी दुनियाँ में...
मैं महज़ एक ग़लती उनके जीवन की,
जो दुबारा ना दौहराई जाएगी..
मेरे इस लेख के बाद उन्हें भी बहुत clarity मिल जाएगी..
दुविधा सारी ख़तम हो जाएगी।
और उन्हें आगे बढ़ने में मददगार साबित होगी, वे अपने मन मुताबिक उनकी similarities वाली लड़की ढूंढ सकेंगे।

मेरे लिए यह लेख लिखना इसीलिए ज़रूरी हैं के बस मैं मुक्त हो जाऊंगी फ़िर।
पीछे मुड़के देखने की मेरे पास कोई वजह नहीं रह जाएगी।
थोड़ा आत्म सम्मान तो हैं ना मुझमें भी
इतनी गाथा जो मुझे लिखनी पड़ी
10 minute में समाती नहीं वह गाथा मेरी
और इस लेख के बाद 10 minutes क्या..
1 minute भी नहीं चाहिए होगा मुझे उनके जीवन का।
मैं बिदाई लुंगी..
और तब चली जाऊँगी उनकी जिंदगी से बहुत दूर।
और तब वो आ भी गए तो वे
शायद मैं उन्हें जवाब दे ना सकूँगी।
मैं मुड़ कर उन्हें कभी ना देखूंगी
इन 10 सालों में बहुत परेशान कर लिया उनकों...
उस लेख के बाद मुझसे जुड़े हर झंझट से मुक्ति मिल जाएगी।
दुबारा उन्हें कोई approach ना करेगा।
ना ही clear communication के लिए force करेगा।
कर लिया बहुत जबरदस्ती किसी के साथ..
जबरदस्ती का प्यार टिकता नहीं कभी।
ना कोई force करने वाला मिलेगा..उन्हें।
अपनी आज़ाद दुनियाँ में खुश रहेंगे, जब मुझसे कोई बंधन ना होगा।
वह लेख जल्द मैं लिखूँगी..
ज़रा लंबा होगा..
इसीलिए ज़रा वक़्त लेती हूँ
मग़र मैं लिखूँगी ज़रूर।

जो पंछी मुक्त गगन का हैं
उन्हें अपने उर के पिंजरे में न बाँधो..
जिन्हें उड़ना हैं बहुत उचा
छोड़ दो उन्हें खुले आकाश में
उड़ने दो उन्हें पंख फैलाके उन्हें अपनी मस्ती में।
अपनें आँचल से उन्हें ना बांधों।
3.27am
10.9.2024