...

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सिर्फ सोचने में न बीता देना उर्म
के एक दिन तो वैसे भी फ़किरा
तुम चाहो या न चाहो फ़रिश्ते
____तु वैसे भी मर जायेगा !
अभी सिर्फ सोचने में न बीता देना उर्म
के इतनी ऊंचाई के शिखर पर आके
अब सब जब हो चुका है ओके फ़किरा
अपना पंख ऐ पैराशूट न भूल जाना
के सुना है दर्द ऐ डर को पार कर जाने के बाद
उस जीत की खुशी कुछ अजीब सी होती है
आनंद है कितना यह किन्तु क्या जाने
के प्यार में कुर्बानी हर बार फ़किरा अच्छी-
___________________ नहीं, लगती- है!
सिर्फ सोचने में न बिता देना अपना उर्म फ़किरा
____के यह जिंदगी सुना है दुबारा नहीं मिलती !"