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उस जगत में जहां प्यार ही नहीं,
हर चीज़ झूठी लगती हैं...
किसी से एक शब्द तक कहने का मन नहीं करता,
हर व्यक्ति दो दो चेहरे लेके घूम रहा हैं
और मुझे नकली होना नहीं आता।
जगत के साथ कुछ भी करना हो तो सब बुद्धि से करना पड़ता हैं
एक मुस्कुराहट भी बुद्धि से ही करना होता हैं।
दिल से मुस्कुरा भी नहीं सकते आप 😊
और मैं दिल के बिना जी नहीं सकती।🙂
हृदय💚 मेरा घर हैं।
इसके बिना मैं बेघर हूँ।


और हृदय में मैं या अपने साथ रह सकती हूँ
या पशु पक्षियों के साथ। 😊
बाकी पुरा जगत आपका stay बुद्धि में मांगता हैं 😊।
7.4.2024
10.43pm
#diary ✍️📖