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// #जर्जर_जन_नींव //
कोहरा है, कहर है, हवा में घुला जहर,
सीने धुआं- धुआं सांस संघर्षरत शहर;
प्रकृति प्रकोप या मानव निर्मित कहर,
प्रस्थिति निरंतर बदतर शाम ओ सहर।
बेबसी में जी रहे ले ह्रदय गहरी पीड,
हम हालात से लेना नहीं चाहते सीख;
दुनिया बदनियती- मक्कारी रही जीत,
सहारा ना दे गिर पडूंगा जर्जर है नींव।