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कभी यूंही भटक कर आ जाया करो मेरे ख्वाबों में एक दो बार
दरमियां दूरियां बढ़ रही हैं जो रोज़ थोड़ा उनका भी हल हो सके
🤡
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कभी यूंही भटक कर आ जाया करो मेरे ख्वाबों में एक दो बार
दरमियां दूरियां बढ़ रही हैं जो रोज़ थोड़ा उनका भी हल हो सके
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