...

6 Reads

" कुछ बात करने की तलब यूं ही अवारा रखेंगे ,
मंजूरे इश्क तब हो जब तुम भी गवारा ना समझो ,
यूं मुस्कुराए तुम फिर कहीं ना कहीं कभी बेनीसार हो जायेंगे ,
मुसलसल यूं रहा राब्ता तो आज नहीं तो कल प्यार में पर जायेगें . "

--- रबिन्द्र राम

#तलब #अवारा #इश्क #गवारा #मुस्कुराए #बेनीसार #मुसलसल #राब्ता #प्यार