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वो: दीदी, कुछ युथेनेशिया पर लिखना।
मैं: "ये क्या होती है?" वैसे तो स्कूल के दिनों में अरुणा शानबाग के बहाने अक्सर ही समाचारों और पत्रिकाओं में यूथीनेशिया के बारे में बहस छिड़ती रहती थी लेकिन उस दिन जानें क्या सोच कर उस बच्चे का मन टोहने के लिए पूछ लिया था।
वो: यूथीनेशिया का मतलब इच्छामृत्यु होती है दीदी।
मैं: लेकिन लोग तो हमेशा मृत्यु से डरते हैं? कोई भला मृत्यु की इच्छा कैसे कर सकता है?
वो: कभी कभी ज़िंदगी इतना दर्द देती है कि ज़िंदगी सहना बड़ा मुश्किल हो जाता है, और हम जीने की जगह मृत्यु चाहने लगते हैं।
मैं: फ़िर यह तो दुखों से भागने की इच्छा हुई ना? ना कि "मृत्यु" की इच्छा?
और बस.... उसको समझाते -समझाते मैं भी समझ गई कि मैं आत्म हत्या करना नहीं महज़ दुःखों से भागना चाहती हूं। जीवन से तो मुझे भी बहुत प्रेम है और जैसा कि किसी पश्चिमी विद्वान ने कहा है कि जीवन अपने सबसे बुरे रुप में भी मृत्यु से कहीं अधिक सुन्दर है। और इतना समझ आते ही चाकू बाईं कलाई से हटा कर सेब ढूंढने किचेन की तरफ़ निकल पड़ी।
~ नेहा मिश्रा "प्रियम"
21/06/2022