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सरलार्थ-मनुष्य वहीं होता है जहाँ उसका मन होता है और आज के समय में मनुष्य का मन या तो भविष्य की चिंता में रहता है या भूतकाल की स्मृतियों में परंतु वतर्मान में नहीं रहता इसलिए मनुष्य बिना किसी यंत्र या शक्ति के समय यात्रा कर लेता है।
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सरलार्थ-मनुष्य वहीं होता है जहाँ उसका मन होता है और आज के समय में मनुष्य का मन या तो भविष्य की चिंता में रहता है या भूतकाल की स्मृतियों में परंतु वतर्मान में नहीं रहता इसलिए मनुष्य बिना किसी यंत्र या शक्ति के समय यात्रा कर लेता है।