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कुछ चिड़चिड़ी सी कुछ परेशान सी है
सुबह भी जाने क्यों लगने लगी शाम सी है
जाने जी क्यों भरा –भरा सा है
कुछ था बहुत पास जो जुदा सा है
मुस्कुराने की कोई तुम वजह ढूंढ लाओ
हाथ थाम दो पल जरा तो पास बैठ जाओ
ranj4371
#ranjanashrivastava#Writco#poetry #quote