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हर गलियों मे निगाहेँ तुम्हे मेरी ढूंढती नहीं
जी गलियों से तू गुजरे उससे कभी हटती नहीं
किसी ने पूछ liya हैं मुझसे ये हैं कौन तेरा (मेहबूब, महबूबा )जिसके इंतजार मे तेति पलके झपकती नहीं. तो मैंने भी कह दिया
हर गली, हर शहर, मोहल्लेमे जिसकी चाहत हैं, india कि 64लाख यूथ जिसे ढूंढ रही वही मेरी इनायत और इबादत हैं. 😁?😔?
मैं हसु या रोउ ये जो सब कि हालत है?