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दुनियाँ में प्रेम बढ़ाना मकसद था...
ज़िंदगी ही जंग का मैदान बनके रह गई...

वो भी straight या direct युद्ध नहीं,
Cold War!
जो की ज़्यादा घातक हैं...

एक लड़ाई होती हैं
straight..!
जिसमें हार या जीत होती हैं
और बात ख़तम हो जाती हैं...


मग़र ना वे बात ख़तम करना चाहतें थे,
न ही बात शुरू करना चाहतें थे...
किसी चीज़ के ख़तम हों जानें से इतनी तकलीफ़ नहीं होती,
जितनी बीच में महज़ लटके और अटके रहने में होती हैं।
क्योंकि यह अटकाव और लटकाव जितना आपकी ऊर्जा को drain करते हैं..
उतना जगत में और कुछ नहीं करता...
clarity जीवन में बहुत ज़रूरी हैं,
के आप किसी चीज़ से चाहतें क्या हैं!

17.4.2024