...

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कुछ कहना तो है..

© Shivani Srivastava
कुछ कहना तो है लेकिन,समझ नहीं आता कि कैसे कहूं..
काश! मेरी आँखें पढ़ ले कोई,और मैं बस ख़ामोश रहूं।

दिल के भाव जुड़े हैं जहां, उन भावों पर ये गीत लिखूं मैं..
शुरू वहीं से,खत्म वहीं पर अपने दिल की प्रीत लिखूं मैं।
हर पल यादों में वो ही, हर बात उन्हीं से कहना चाहूं..
यादें सागर, मैं लहरों सी बस उन यादों में बहना चाहूं।

दिल की धड़कन बढ़ जाती है,मैं कैसे अपना हाल कहूं.
काश! मेरी आँखें पढ़ लो कोई और मैं बस ख़ामोश रहूं।
---Shivi....S.......✍️✍️