तेरी कमी
कुछ समझ नहीं आ रहा है मुझे,
मैं अभी गहरे गम में हूँ ।
तू हैं या कि नहीं, मैं इस वहम में हूँ ।
तेरी कमी जान लें लेंगी मेरी ,
मैं तो अब बस तेरे रहमों-करम पे हूँ ।
तेरे सजदे में सर को झुकाती हूँ ,रोज ही मैं ,
मैं तो अब सुबह...
मैं अभी गहरे गम में हूँ ।
तू हैं या कि नहीं, मैं इस वहम में हूँ ।
तेरी कमी जान लें लेंगी मेरी ,
मैं तो अब बस तेरे रहमों-करम पे हूँ ।
तेरे सजदे में सर को झुकाती हूँ ,रोज ही मैं ,
मैं तो अब सुबह...