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जून की बात
#जून

जून की बात है, उसमें भी कुछ घात है
धूप की तपिश से मन में होता है व्याकुलता।

गर्मी के महीने में, सबको लगता है प्यासा
किन्तु समय का साहु, कौन बनेगा प्रतिष्ठित हास्य।

सूरज की किरणों से प्रकाशित होता है जहान
पर मनुष्य को अंधकार से परेशान।

समय के संग-संसार में, पल-पल बहती धार
कहीं समर्पित होता है, कहीं मुसीबतों में प्रकर्म।

प्रतिदिन के 24 घंटे, समय का महत्व समझना
कोई आसान काम नहीं, परन्तु समर्पिति से प्रलेखन।
समय के प्रति सचेत रहना, यही है विजय की प्राप्ति
क्योंकि समय की गति में, होता है सबका विनाश।

समय के साथ चलने की कला, है महान
समय के साथ बदलने की जरूरत, है महत्वपूर्ण।

कोई भी प्राणी, समय के प्रति अनुपम
समय का साहु बनकर, प्राप्त करेगा महिमा-प्रतिष्ठित।

समय के महीने में, होता है उपहार,
समय के महीने में, होता है परिवर्तन।

कौन बनेगा समय का साहु? प्रतिष्ठित होकर
समय को प्रसन्न करेगा, सुंदर-सुंदर पल।

समय की महत्वपूर्णता पर, चिन्तन-मंत्र-पुस्तिका
समय के साथ चलने की, हो जाए सबक।

© Abhay Dhakate