एक सैनिक की गाथा
मिट्टी मेरी शान है,
यूनिफॉर्म मेरी पहचान है,
भारत माता की रक्षा ही कर्तव्य मेरा,
देश का सिपाही हूँ; बलिदान ही मान मेरा।
सरहद पर चौबीसों घंटे तैनात रहकर फर्ज निभानी है,
राइफलों के साथ ही जिंदगी बितानी है,
सरहद को ही अपना घर माना है मैंने,
देश का सिपाही हूँ; देशभक्ति का जुनून सर पे सवार लिया मैंने।
दुश्मनों की परछाई से भी नफरत करते हैं,
जंग का ऐलान करने में कभी नहीं डरते हैं,
मौत का खौफ कभी नहीं...
यूनिफॉर्म मेरी पहचान है,
भारत माता की रक्षा ही कर्तव्य मेरा,
देश का सिपाही हूँ; बलिदान ही मान मेरा।
सरहद पर चौबीसों घंटे तैनात रहकर फर्ज निभानी है,
राइफलों के साथ ही जिंदगी बितानी है,
सरहद को ही अपना घर माना है मैंने,
देश का सिपाही हूँ; देशभक्ति का जुनून सर पे सवार लिया मैंने।
दुश्मनों की परछाई से भी नफरत करते हैं,
जंग का ऐलान करने में कभी नहीं डरते हैं,
मौत का खौफ कभी नहीं...