मुल्क के लिए
अब चलती मेरी सांसे हैं वतन के लिए
बहुत जी लिया अपने लिए, अब जीने दो वतन के लिए
रक्त कहता हैं मैं निकलूगा तो दर्द बहुत होगा
हौसला कहता हैं प्राण भी कुरावन हैं अपने तिरंगे के...
बहुत जी लिया अपने लिए, अब जीने दो वतन के लिए
रक्त कहता हैं मैं निकलूगा तो दर्द बहुत होगा
हौसला कहता हैं प्राण भी कुरावन हैं अपने तिरंगे के...