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जंजीरों में ख्वाब

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जंजीरों में ख्वाब


ख्वाब ऊँचे हैं, पर बंधन की बात है,
हर कदम पे रुकावट, ये किस्मत की मात है।
दिन की हकीकत में खो जाते हैं,
पर रात की खामोशी में फिर जग जाते हैं।

By :- Raju kumar