...

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रंग_बिरंगी_होली_में_यूं_ना_छेड़ा_किया_करो
गीतों में रंगों का ज़िक्र यूं ना आधा किया करो
तुम रंग - बिरंगी होली से यूं ना तौबा किया करो
फाग के रंगों में मैं अपने इश्क़ का रंग घोल रहा हूं
तुम मुझे इंतजार के साथ यूं ना विदा किया करो

कभी अटखेलियां तो कभी हुड़दंग करती फागुन
तुम रंगों के ढंगों को यूं ना कोरा सौंपा किया करो
प्रीत के रंगों से चेहरे को थोड़ा - सा सराबोर कर दों
तुम मुझे रंग - बिरंगी होली में यूं ना छेड़ा किया करो

ये तेरी मस्तानों की टोली आहिस्ता से क्या बात गई
तुम गुलाल के ज़िक्र के साथ यूं ना पीछा किया करो
रंग - बिरंगी होली में अरमानों के रंगों को समेट रहा हूं
तुम मुझसे उन गुजरते लम्हों की यूं ना चर्चा किया करो

रंग-ए-गुलाल पानी में क्या घूला भांग भी इतरा उठी
मौके की देखकर पिचकारी से यूं ना सौदा किया करो
ये रंग - बिरंगी होली आज फिर मस्ती लेकर आ गई
तुम आज कल इन रंगों से यूं ना घबराया किया करो

इन रंगों से अब ना जाने कब हमारी मुलाकात होगी
रंगों से सराबोर होकर रंगों से यूं ना शिकवा किया करो
फाग के गीत के साथ मैं इश्क़ के गीतों को गा रहा हूं
रंग - बिरंगी होली में बेरंग होकर यूं ना सज्दा किया करो

© Ritu Yadav
@My_Word_My_Quotes