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Pahaloo mein
Pahaloo mein

तुम डालो ना डालो हम गले में बाहें डाल देंगे

तुम संभालो ना संभालो हम पहलू में गिरेंगे


जिस्म से जैसे जा जुदा हो जाए

किसी का महबूब अगर बेवफा हो जाए


मटका दे कमरिया जरा लहंगा संभाल के

मटका दे नजरिया जरा कजरा डाल के


पहले मटकती क्यों है ये कमरिया बता दे

कितने बरस की मेरी उमरिया बता दे


कहीं छा गई कहीं झूमके बरसी घटा ये

कितने चढ़े सावन बता दे जरा पर्दा गिरा के


यूं ही ले लो ना ले लो ना ऐसे दिल तोड़ो ना

यूं ही तोड़ो ना गुलाब की डाली तोड़ो ना


दम हो तो आइयो राजा मेरी गली में

वरना फूट जाइयो पतली गली है


ये शराब तो गले से उतर के कमाल करती है

तू तो जालिम देखने से ही चढ़ती है
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