#जनाब
तहज़ीब ना बताइए जनाब
नज़राना आप से सीखा है
रुख़्शत न होए जनाब
मानना आप से सीखा है
महखाना यू न छोड़ो जनाब
महफ़िल सजाना आप से सीखा है
बरसात के मौसम दो-दो जाम हो जाते
मगर आपकी इन अदाओ ने ये भी छुड़ा रखा है
नज़राना आप से सीखा है
रुख़्शत न होए जनाब
मानना आप से सीखा है
महखाना यू न छोड़ो जनाब
महफ़िल सजाना आप से सीखा है
बरसात के मौसम दो-दो जाम हो जाते
मगर आपकी इन अदाओ ने ये भी छुड़ा रखा है