गुनाह
चल, आज एक और क़त्ल करते है,
अरमानों को मौत की शक़्ल करते है,
सारी तमन्नाओंको लहू लुहान कर के
ख़्वाबोंकी अश्कों से वस्ल करते है,
ध्यान रख, के सारे सबूत मिटाने होंगे...
अरमानों को मौत की शक़्ल करते है,
सारी तमन्नाओंको लहू लुहान कर के
ख़्वाबोंकी अश्कों से वस्ल करते है,
ध्यान रख, के सारे सबूत मिटाने होंगे...