...

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गुनाह
चल, आज एक और क़त्ल करते है,
अरमानों को मौत की शक़्ल करते है,
सारी तमन्नाओंको लहू लुहान कर के
ख़्वाबोंकी अश्कों से वस्ल करते है,

ध्यान रख, के सारे सबूत मिटाने होंगे
कोई पूछे तो जज़्बात भी दिखाने होंगे
तो कोशिश कर आज थोड़ा रोने की,
शायद कल झूठे आंसू भी बहाने होंगे

कहानी बना ले, सबको सुनाने के लिए
अदालत में जरूरी है, गवाही देने के लिए
रूहें जल जाती है, दुनियाई निगाहोंसे,
'क़ैद' होना पड़ेगा, उनसे बचने के लिए
© क़ैद