मैं जानती हूँ
मेरे बाद भी बहारों के मौसम आते रहेंगे,
मेरे बाद भी ये लोग सब मुस्कुराते रहेंगे।
तुम कहीं कोने में खड़े मुझे सोचा करोगे,
यूँ जो मरते हो मुझ पर फिर किस पर मरोगे।।
मेरे बाद भी मनेगी ये होली-दीवाली,
मेरे बाद भी होंगी वही नजरें सवाली।
मगर तुम होकर के गुमसुम रोया करोगे,
फिर कैसे भला तुम रातों में सोया करोगे।।
मेरे बाद भी होगा सबका...
मेरे बाद भी ये लोग सब मुस्कुराते रहेंगे।
तुम कहीं कोने में खड़े मुझे सोचा करोगे,
यूँ जो मरते हो मुझ पर फिर किस पर मरोगे।।
मेरे बाद भी मनेगी ये होली-दीवाली,
मेरे बाद भी होंगी वही नजरें सवाली।
मगर तुम होकर के गुमसुम रोया करोगे,
फिर कैसे भला तुम रातों में सोया करोगे।।
मेरे बाद भी होगा सबका...