मजबूरी
#मजबूरी
झूठ नहीं मजबूरी है,
तुम जानों क्या क्या ज़रूरी है;
नंगे बदन की भी अपनी धुरी है,
भूख से बिलखते बच्चे हैं
उनकी भूख भी ज़रूरी है...
झूठ नहीं मजबूरी है,
तुम जानों क्या क्या ज़रूरी है;
नंगे बदन की भी अपनी धुरी है,
भूख से बिलखते बच्चे हैं
उनकी भूख भी ज़रूरी है...