लाल कफन
उसके शादी के मंडप की ये बात है....
वो सजी लाल जोड़े मैं...
हाथो मैं मैं मेहंदी...
पैरो मैं पायल और सर पे जगरे का ताज है..
हर तरफ खुशियाँ ही खुशियाँ...
उसके घर मैं शहनाई की आवाज़ है...
एक तरफ वो आशिक बेबस लाचार...
खो रही उसकी हर एक आश है...
बिलख रहा एक कोने मैं बैठ कर...
मौत भी बैठी उसके पास है...
उधर अचानक दुल्हन गिर पड़ी...
उसके मुझे से झाग निकल रहा...
बाप ने देखा अपनी बेटी को...
वो बैठ के अलग ही रोने लगा...
नब्स भी थाम गयी उसकी...
मानो लाल जोड़े ने उसका गला घोंट दिया...
उधर बेचारा रोते रोते लड़के ने अपनी सर पे चोट दिया...
निकला महू माथे से उसके......
वो सजी लाल जोड़े मैं...
हाथो मैं मैं मेहंदी...
पैरो मैं पायल और सर पे जगरे का ताज है..
हर तरफ खुशियाँ ही खुशियाँ...
उसके घर मैं शहनाई की आवाज़ है...
एक तरफ वो आशिक बेबस लाचार...
खो रही उसकी हर एक आश है...
बिलख रहा एक कोने मैं बैठ कर...
मौत भी बैठी उसके पास है...
उधर अचानक दुल्हन गिर पड़ी...
उसके मुझे से झाग निकल रहा...
बाप ने देखा अपनी बेटी को...
वो बैठ के अलग ही रोने लगा...
नब्स भी थाम गयी उसकी...
मानो लाल जोड़े ने उसका गला घोंट दिया...
उधर बेचारा रोते रोते लड़के ने अपनी सर पे चोट दिया...
निकला महू माथे से उसके......