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सीखा
कुछ सीखा कुछ समझाया
जिंदगी ने हमे जिंदगीभर रुलाया ।
जब उड़ने की कोशिश की हमने आसमान में ,
तो पंख कांटने वाला फिर कोई अपना आया ।
कुछ सीखा कुछ समझाया
परीक्षा के नाम पर ईश्वर ने ,
फिर तकलीफ़ो से सामना करवाया ।
कुछ सीखा कुछ समझाया
नीचे गिरते - गिरते फिर किसी ने ,
हाथ बढ़ाया ना जानें वो अपना था या पराया ये ही समझ नही आया ।
कुछ सीखा कुछ समझाया
दुसरो को खुशियाँ बाँटते - बाँटते ,
फिर से खुद को दर्द में पाया ।
कुछ सीखा कुछ समझाया
जिंदगी ने हमे जिंदगीभर रुलाया ।।
© AUSTERITIES ❤️
जिंदगी ने हमे जिंदगीभर रुलाया ।
जब उड़ने की कोशिश की हमने आसमान में ,
तो पंख कांटने वाला फिर कोई अपना आया ।
कुछ सीखा कुछ समझाया
परीक्षा के नाम पर ईश्वर ने ,
फिर तकलीफ़ो से सामना करवाया ।
कुछ सीखा कुछ समझाया
नीचे गिरते - गिरते फिर किसी ने ,
हाथ बढ़ाया ना जानें वो अपना था या पराया ये ही समझ नही आया ।
कुछ सीखा कुछ समझाया
दुसरो को खुशियाँ बाँटते - बाँटते ,
फिर से खुद को दर्द में पाया ।
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जिंदगी ने हमे जिंदगीभर रुलाया ।।
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