औरत
जो है जगत आधार, जननी सारी सृष्टि की।
वंश करे विस्तार, हिम्मत हारे कभी नही।।
चित्त में है चीत्कार,दर्द भरा दिल में अति।
चाहे सद व्यवहार, ठेस लगे हर...
वंश करे विस्तार, हिम्मत हारे कभी नही।।
चित्त में है चीत्कार,दर्द भरा दिल में अति।
चाहे सद व्यवहार, ठेस लगे हर...