मैं अब भी ज़िंदा हूं...
जाने कितनी बार गिराया है
इस ज़िंदगी ने मुझे..
पर मैं फिर भी संभल गई,
क्योंकि मैं अब भी ज़िंदा हूं...
अपने परायों ने कतरा-कतरा
मिल के अन्दर से तोड़ा है मुझे..
पर मैंने फिर भी ख़ुद को जोड़ लिया,
क्योंकि मैं अब भी ज़िंदा हूं...
हर जाता हुआ साल छोड़ देता है
कुछ-न-कुछ लेकर खाली जगह..
पर मैंने...
इस ज़िंदगी ने मुझे..
पर मैं फिर भी संभल गई,
क्योंकि मैं अब भी ज़िंदा हूं...
अपने परायों ने कतरा-कतरा
मिल के अन्दर से तोड़ा है मुझे..
पर मैंने फिर भी ख़ुद को जोड़ लिया,
क्योंकि मैं अब भी ज़िंदा हूं...
हर जाता हुआ साल छोड़ देता है
कुछ-न-कुछ लेकर खाली जगह..
पर मैंने...