लड़का...
चंद पैसे कमाने को है मजबूर लड़का...
घर चलाने को है घर से दूर लड़का.….
अपनो से दूरी का गम सही मायने में
जानते हुए भी शहर गया,है मजदूर लड़का
आंसुओं पर बंदिश है और कोई देख न ले
इसलिए रो भी नही पाता,है कभी भरपूर लड़का
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घर चलाने को है घर से दूर लड़का.….
अपनो से दूरी का गम सही मायने में
जानते हुए भी शहर गया,है मजदूर लड़का
आंसुओं पर बंदिश है और कोई देख न ले
इसलिए रो भी नही पाता,है कभी भरपूर लड़का
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