अवैध बस्ती
मैं एक अवैध बस्ती हूं शहर और गांव के बीच पलती हुई,
अभी मुझे पनपना हैं बड़ी होना हैं तब तक हर सुविधा मुझे सरकार मुहैया करवाएगी,
बिजली, पानी, रजिस्ट्री, मकान टैक्स, सीवरेज सब कुछ मिलेगा,
गरीब लोग तिनका तिनका जोड़कर जब छोटा सा मकान बना के रहने लगेगे,
कई सालों बाद अचानक सरकार नींद से जागेगी और अवैध बस्ती को हटाने का आदेश दे देगी,
तब हर सरकारी काग़ज़ झूठा और जाली बन जायेगा जैसे उन गरीबों ने ख़ुद ही काग़ज़ बनाए और ख़ुद ही दस्तखत कर दिए,
तब वही नगरपालिका का...
अभी मुझे पनपना हैं बड़ी होना हैं तब तक हर सुविधा मुझे सरकार मुहैया करवाएगी,
बिजली, पानी, रजिस्ट्री, मकान टैक्स, सीवरेज सब कुछ मिलेगा,
गरीब लोग तिनका तिनका जोड़कर जब छोटा सा मकान बना के रहने लगेगे,
कई सालों बाद अचानक सरकार नींद से जागेगी और अवैध बस्ती को हटाने का आदेश दे देगी,
तब हर सरकारी काग़ज़ झूठा और जाली बन जायेगा जैसे उन गरीबों ने ख़ुद ही काग़ज़ बनाए और ख़ुद ही दस्तखत कर दिए,
तब वही नगरपालिका का...