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हे सुंदरि , भारत को अमरीका बना दो !!
हे सुंदरि , भारत को अमरीका बना दो !
पहनो शर्ट , टी-शर्ट और चुस्त-चुस्त  ट्रोजर;
क्लोजर हो कटी बांह और टमी पोजर;
दमदम की जाली से कपड़ों को करो फ़्लर्ट ;
हंस-हंस कर बात करो; फोन से ठीका बना दो;
हे सुंदरि , भारत को अमरीका बना दो !

अर्धनग्न पृष्ठ हो और धृष्ट बनो ऐसे कि
कटि-काट उच्छल हो, पुच्छल हो पैसे की;
नौकरी पर्सनैलिटी की- ओछ ही हो स्कर्ट ;
मरहम से मलमल के  चेहरे को मीका बना दो;
हे सुंदरि , भारत को अमरीका बना दो !

डांड़ में न डोर हो, पर पांव में हो काला धागा ?
चल आजा रे , कागा ! चूड़ी - चूनर ले भागा !!
जी भरकर बात करो, हेजीटेशन तोड़ो स्मर्ट;
ब्वॉयफ्रेंड से पैरेंट्स के स्वप्न का शीका लगा दो!
हे सुंदरि , भारत को अमरीका बना दो!

कि बेटी खूबसूरत और एक्टिव , इंटेलिजेंट है ;
आदमी से बात नहीं पर मोबाइल से प्रेग्नेंट है
ऊपर से हिमालय है, पर अंदर से है एक्सपर्ट ;
दर्शन तो सिद्धांत का घर्षण,गीता फीका बना दो
हे सुंदरि , भारत को अमरीका बना दो!


मेरे देखने की सीमा , तेरे हंसने की सीमा नहीं है;
कभी नीचे, कभी ऊपर बाइक - ये सनीमा नहीं है;
पढ़ने के बहाने गायब हो फिर घूमना खूब म`र्ट ;
स्वतंत्रता तो पुरुषों-सी ! चंदन को टीका बना दो;
हे सुंदरि , भारत को अमरीका बना दो!

तू भी दिखाओ जरा मैं भी तो अब देख लूं ;
नाम का हूं लड़का ...पर मैं शर्म का अभिषेक लूं?
आकर्षण तो चाहिए ही व्यक्ति-विकास का कंसर्ट
नारीनिंदा तो छोड़ गधे! जिभिया को कुंजिका बना दो ;
हे सुंदरि , भारत को अमरीका बना दो !

कजरा है काम का जी, अभी से लगाना तू
गजरा परिपक्व जान अभी से सजाना तू
फिर सजनी न बनकर ब्रह्मचारिणी का इरादा?
दिखावा न अंदरूनी वादा- चांदी को चंद्रिका बना दो,
हे सुंदरि , भारत को अमरीका बना दो !

फटफट कमाई और जीविका की चिंता मुझे
बाकी बचा ऐश और चॉयस की सुविधा तुझे
जाओ, मुन्ने - मुन्नी तो ! तेरे पास रहने नहीं
गुस्सा का विकल्प ? आंगनवाड़ीसेविका बना दो
हे सुंदरि , भारत को अमरीका बना दो !

इसमें क्या है? एक घंटा भी साहब तो लेंगे ही ;
कई फाइल होते हैं साथ-साथ चलेंगे ही
पकड़ा तो बोलो ! महिला से अन्याय हुआ है !
फटे हाल कस्बा को हरा-भरा सुरनीका बना दो,
हे सुंदरि , भारत को अमरीका बना दो !

धन्य हो देवि ! मैं मक्खी नहीं हूं ,न तुम मिठाई हो
वाह! वाह ,क्या जितेंद्रिय होने का पाठ पढाई हो !
अरे जितेंद्रिय तो राम थे- विथ राईट हर्ट;
कुछ हो जाए रावण तो क्या ? सीता को भी चंडिका बना दो ;
हे सुंदरि भारत को अमरीका बना दो !

ऊफ़!मैं क्यों ना हुआ लड़की, मैं छेड़ती सबोंको;
जनरल में रिजर्वेशन,  या फिर उधेरती सबोंको ;
डर है! सजा मैं ही भुगतूंगा; मेरा तो रेप होगा ना-
लात-जूते करते चुप, चाहे मोम को मुनरीका बना दो;
हे सुंदरि , भारत को अमरीका बना दो !!


© शैलेंद्र मिश्र 'शाश्वत'15/2/2011