वो रिश्ता
माना की तुमसे अब मिलना फरेब हैं,
किए कई सितम हमने, बहुत ऐब हैं,
टूट गया है वो रिश्ता, जिसे प्यार से संभालना था,
कांच से बिखरे हुए दिल को आपके, ज़ोर ना पाऊंगा,
मन से कभी फिर भी आपको छोड़ न पाऊंगा ।
तो चलो कभी मिलना हमसे अजनबी बनकर
होश में न हो ,वैसी बंदगी बनकर,
दुबारा हंसेंगे साथ...
किए कई सितम हमने, बहुत ऐब हैं,
टूट गया है वो रिश्ता, जिसे प्यार से संभालना था,
कांच से बिखरे हुए दिल को आपके, ज़ोर ना पाऊंगा,
मन से कभी फिर भी आपको छोड़ न पाऊंगा ।
तो चलो कभी मिलना हमसे अजनबी बनकर
होश में न हो ,वैसी बंदगी बनकर,
दुबारा हंसेंगे साथ...