...

12 views

न जाने ..... है कैसी !!
बहुत शोर कर रहे है परिन्दें
न जाने जल्दबाज़ी है कैसी !

आसमां वहीं, ज़मीन भी वहीं,
न जाने फ़िर ये तलाश है कैसी!

मन की उड़ान बे-परवाह सी है,
न जाने इस राह की मंज़िल है कैसी!

सफ़र मीलों का होता है तय रोज़,
न जाने अनिमित ये ख़्वाहिशें है कैसी!