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इकतरफ़ा इश्क़
जब भी चेहरा याद आता है तेरा, आँखों से
दरिया बहने को मज़बूर हो जाते हैं
तेरे उस हसीन चेहरे को याद कर, मेरे हर
ग़मजदा दूर हो जाते हैं
तुझको जो जरा-सी खरोंच भी आ जाए, मेरे चेहरे के नूर खो जाते हैं
मेरे हर रात की यूँ ही गुज़रती है दास्ताँ, कि खुले आसमाँ में टिमटिमाते तारों के नीचे होते हैं हम, और तुम्हारे बिना तुम्हारी यादों के सहारे,
उन हसीन ख़यालों के साथ
हम सो जाते हैं
और हाँ पता है तुमको, अब इसकदर बेचैन रहते हैं हम तुम्हारी नामौजूदगी में
कि, ना चाहते हुए शाम-ओ-सेहर हम तुमको ही याद करते हैं, ऐसा ख़ुद में इक
दस्तूर हम पाते हैं
ज़माने में नहीं, तुझमें भी नहीं पर ख़ुद में हर पल हर दफ़ा कहीं ना कहीं तेरे इश्क़ के लिए ख़ुद को मशहूर हम पाते हैं
#मेरी पहली टूटे-दिल, इकतरफे इश्क़ की कविता💔💔💔
© Kumar janmjai
दरिया बहने को मज़बूर हो जाते हैं
तेरे उस हसीन चेहरे को याद कर, मेरे हर
ग़मजदा दूर हो जाते हैं
तुझको जो जरा-सी खरोंच भी आ जाए, मेरे चेहरे के नूर खो जाते हैं
मेरे हर रात की यूँ ही गुज़रती है दास्ताँ, कि खुले आसमाँ में टिमटिमाते तारों के नीचे होते हैं हम, और तुम्हारे बिना तुम्हारी यादों के सहारे,
उन हसीन ख़यालों के साथ
हम सो जाते हैं
और हाँ पता है तुमको, अब इसकदर बेचैन रहते हैं हम तुम्हारी नामौजूदगी में
कि, ना चाहते हुए शाम-ओ-सेहर हम तुमको ही याद करते हैं, ऐसा ख़ुद में इक
दस्तूर हम पाते हैं
ज़माने में नहीं, तुझमें भी नहीं पर ख़ुद में हर पल हर दफ़ा कहीं ना कहीं तेरे इश्क़ के लिए ख़ुद को मशहूर हम पाते हैं
#मेरी पहली टूटे-दिल, इकतरफे इश्क़ की कविता💔💔💔
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