...

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ललक"सचिन तेंदुलकर"
सुनो जनो एक बात बताऊं ,
एक महानुभव की जीवनी सुनाऊं ।
जो खेल का मनोहारी है और ,
क्रिकेट से उसकी वफादारी है ।

था छोटा-सा वो पर स्वप्न बड़े से देखे थे, उसे पाने को उसे,
त्याग बड़े ही करने थे ।
बचपन में ही छोड़ दिया ,
त्याग दिया घर का उसने प्यार,
मां प्रेम था और पिता की पुकार।

लक्ष्य उसके पुकार रहे थे ,
थे दृढ़ संकल्प समर्पण उसके ।
इंद्रियों पर उसने काबू पाया और
अग्रसर रहे कदम उसके।

गुरु के सिख को उसने ,
जीवन दर्शन बना डाला ।
पथ...