...

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अकेले आसमान में
बादल आसमान में नाच रहे हैं, एक खामोश 'बैले',
मेरा दिल आँसू बहा रहा है, निराशा में खोया हुआ।
सपने धुंध की तरह फीके पड़ रहे हैं, भावनाएँ सूख रही हैं,
अकेले विशालता में, मैं सोचता हूँ क्यों।

आसमान, नीले और भूरे रंग का एक कैनवास,
खेल रहे भावनाओं के कोलाहल को दर्शाता हुआ।
एकांत की गोद में, मैं धीरे से आहें भरता हूँ,
एक फुसफुसाती कविता, एक अश्रुपूर्ण लोरी।

हर आँसू एक छंद है, हर आह एक प्रतिध्वनि है,
मेरे मौन दर्द की गहराई को प्रतिध्वनित करती हुई।
फिर भी दुख के बीच, चमक की एक झलक,
आशा फिर से खिलती है, एक जाग्रत सपने की तरह।

इसलिए मैं बादलों के साथ नृत्य करता हूँ, आकाश को गले लगाता हूँ,
आँसू बहाता हूँ, अपनी आत्मा को उड़ने देता हूँ।
क्योंकि एकांत में भी, सुंदरता बटोरने के लिए है,
जीवन की लय में, बीच के अंतराल में।
© @roopchau836