मेरे श्याम बिहारी 🥺❤️
नजाने अजीब सी बेचैनी है
तुम्हे देखने की अलग सी रूमानी है,
बहुत से सवाल जवाब करने बाकी है कान्हा,
तुमसे अपनी गलतियों की तकफीव करना बाकी है,
ना जाने कहा हो तुम, मेहसूस हर जगह होते हुए भी....
तुम्हारी हर समय कमी सी खिलती है,
बुहत कुछ जानना बाकी है
बुहत कुछ पहचानना बाकी है ,
अपने श्याम बिहारी को मनाना बाकी है
तेरी बनाई इस दुनिया...
तुम्हे देखने की अलग सी रूमानी है,
बहुत से सवाल जवाब करने बाकी है कान्हा,
तुमसे अपनी गलतियों की तकफीव करना बाकी है,
ना जाने कहा हो तुम, मेहसूस हर जगह होते हुए भी....
तुम्हारी हर समय कमी सी खिलती है,
बुहत कुछ जानना बाकी है
बुहत कुछ पहचानना बाकी है ,
अपने श्याम बिहारी को मनाना बाकी है
तेरी बनाई इस दुनिया...