सफ़र हैं सुहाना
सफ़र हैं सुहाना
इसे यूं ही ना गंवाना
बस चलते चले जाना
ग़म मंजिल से दूरी का
दिल में तु ना रखना
ये सफ़र भी है सुहाना
पैरों में तपिश लगें
थोड़ा ठहरना छांव में
फिर चलते चले जाना
आंखों से अश्क बहनें लगें
पोंछ लेना हाथों से अपने
शुरू कर ये सफ़र हैं सुहाना
तड़प लगें दिल में ऐसी
जल जाएं चराग यकीं के
बस हर मुश्किल पे क़दम बढ़ाना
डर कर फिर दरिया ना हो पार
मल्लाहों का इंतजार ना कर
तैर कर हौंसले से साहिल पर जाना
हार का डर हटाकर दिल से
मंजिल के ना मिलने की फ़िक्र हटा
चलता जा ये सफ़र हैं सुहाना
-utsav kuldeep
© utsav kuldeep
इसे यूं ही ना गंवाना
बस चलते चले जाना
ग़म मंजिल से दूरी का
दिल में तु ना रखना
ये सफ़र भी है सुहाना
पैरों में तपिश लगें
थोड़ा ठहरना छांव में
फिर चलते चले जाना
आंखों से अश्क बहनें लगें
पोंछ लेना हाथों से अपने
शुरू कर ये सफ़र हैं सुहाना
तड़प लगें दिल में ऐसी
जल जाएं चराग यकीं के
बस हर मुश्किल पे क़दम बढ़ाना
डर कर फिर दरिया ना हो पार
मल्लाहों का इंतजार ना कर
तैर कर हौंसले से साहिल पर जाना
हार का डर हटाकर दिल से
मंजिल के ना मिलने की फ़िक्र हटा
चलता जा ये सफ़र हैं सुहाना
-utsav kuldeep
© utsav kuldeep
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