सफ़र हैं सुहाना
सफ़र हैं सुहाना
इसे यूं ही ना गंवाना
बस चलते चले जाना
ग़म मंजिल से दूरी का
दिल में तु ना रखना
ये सफ़र भी है सुहाना
पैरों में तपिश लगें
थोड़ा ठहरना छांव में
फिर चलते चले जाना
आंखों से अश्क बहनें लगें
पोंछ...
इसे यूं ही ना गंवाना
बस चलते चले जाना
ग़म मंजिल से दूरी का
दिल में तु ना रखना
ये सफ़र भी है सुहाना
पैरों में तपिश लगें
थोड़ा ठहरना छांव में
फिर चलते चले जाना
आंखों से अश्क बहनें लगें
पोंछ...