...

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कैसे लिखूं अपने दिल के भाव
कैसे लिखूं अपने दिल के भाव,
दिल मेंरा न जाने क्यों सहम जाता है..*
कैसे लिखूं अपने दिल के चाव,
दिल से न जाने क्यों भहम जाता है..*
अलग है वजूद से दिल के राव,
दिल मेरा न जाने क्यों रहम जाता है..*

अगर दिल के गहरे भाव
उन्हें समर्पित करू तो कहीं
वो मुझसे नाराज़ ना हो जाए
कहीं बैचेन ना कर दे उन्हें
मेरे समर्पित भाव जो उनके लिए
वो मुझसे बेबाक ना हो जाए..***

कभी लगता है बस चुपी से
उन्हें बड़े गौर से सुनता रहूं
हर जन्म में साथी अपना
मनोज पुष्प को चुनता रहूं
हार में रहूं या जीत में रहूं
मनोज पुष्प के प्रीत में रहूं..***

उलफत है ये बाते जो होती रहेगी
गहरी है नजरे लेकिन ज्योति रहेगी
गुजर जायेगा हर लम्हा तेरे इकरार में
आंहे फिर भी तुम्हें बुलाती रहेगी
फकर भी रहेगा और फिक्र भी रहेगा
मनोज पुष्प के लिए हर दर्द सहेगा..***

तेरे लिए मेरे लिए अरमान अपने होंगे
दिलों में प्यार के लिए गहरे सपने होंगे
दिल आबाद रहेगा तेरे नाम का शहर बनके
दिलों में प्यार के रंजन फिर अपने होंगे..***
© Manoj Vinod-SuthaR