कैसे लिखूं अपने दिल के भाव
कैसे लिखूं अपने दिल के भाव,
दिल मेंरा न जाने क्यों सहम जाता है..*
कैसे लिखूं अपने दिल के चाव,
दिल से न जाने क्यों भहम जाता है..*
अलग है वजूद से दिल के राव,
दिल मेरा न जाने क्यों रहम जाता है..*
अगर दिल के गहरे भाव
उन्हें समर्पित करू तो कहीं
वो मुझसे नाराज़ ना हो जाए
कहीं बैचेन ना कर दे उन्हें
मेरे समर्पित भाव जो उनके लिए
वो मुझसे बेबाक ना हो जाए..***
...
दिल मेंरा न जाने क्यों सहम जाता है..*
कैसे लिखूं अपने दिल के चाव,
दिल से न जाने क्यों भहम जाता है..*
अलग है वजूद से दिल के राव,
दिल मेरा न जाने क्यों रहम जाता है..*
अगर दिल के गहरे भाव
उन्हें समर्पित करू तो कहीं
वो मुझसे नाराज़ ना हो जाए
कहीं बैचेन ना कर दे उन्हें
मेरे समर्पित भाव जो उनके लिए
वो मुझसे बेबाक ना हो जाए..***
...