" अज़ाब "
" अज़ाब "
कभी उधेड़ते तो कभी बुनते रहते हैं..।
जीवन भर की जमा पूंजी का निवेश
कब कितना मिला और कितना दिया..?
अजीब सी क़श्मक़श है इस जिन्दगी में..!
कभी सम्भाले, सम्भले ना फ़िसल ही जाते हैं
हाथों से लाखों परवाह कर लो रिश्तों की..
बढ़ती जाती है शिकवे शिकायतें..!
इतनी अजीब सी दम घोंटने वाली क्यों हैं यह इस जमाने की रवायतें..?
लहू निचोड़ कर अपने दे दिया है फिर भी जालिम यह पूछते हैं कि , तुमने आख़िर क्या किया है..?
यह सुन कर तो बचा खुचा कलेजा भी मुँह को आने लगता है..!
दिध की धड़कनें थिरकने लगते हैं दर्द से आबाद हो जाता है..!
हाय रे किस्मत तूने मुझे कौन से आज़ाब में डाला है..?
लोग कहते हैं कि मरने के बाद यह नसीब होती है..!
मुझे लगता है कि जमीं ही असल में अज़ाब है , जहाँ हर शै जन्म लेता है..!
🥀 teres@lways 🥀
कभी उधेड़ते तो कभी बुनते रहते हैं..।
जीवन भर की जमा पूंजी का निवेश
कब कितना मिला और कितना दिया..?
अजीब सी क़श्मक़श है इस जिन्दगी में..!
कभी सम्भाले, सम्भले ना फ़िसल ही जाते हैं
हाथों से लाखों परवाह कर लो रिश्तों की..
बढ़ती जाती है शिकवे शिकायतें..!
इतनी अजीब सी दम घोंटने वाली क्यों हैं यह इस जमाने की रवायतें..?
लहू निचोड़ कर अपने दे दिया है फिर भी जालिम यह पूछते हैं कि , तुमने आख़िर क्या किया है..?
यह सुन कर तो बचा खुचा कलेजा भी मुँह को आने लगता है..!
दिध की धड़कनें थिरकने लगते हैं दर्द से आबाद हो जाता है..!
हाय रे किस्मत तूने मुझे कौन से आज़ाब में डाला है..?
लोग कहते हैं कि मरने के बाद यह नसीब होती है..!
मुझे लगता है कि जमीं ही असल में अज़ाब है , जहाँ हर शै जन्म लेता है..!
🥀 teres@lways 🥀
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