तल्खियां
ये जो उसकी खुशबु मुझसे अब तक नहीं जा रही, जिया भी नहीं जा रहा अब तो, जान भी नहीं जा रही।
यूँ तो रौशन किया है उसने पूरा शहर लेकिन,
एक मेरे घर तक ही उसकी रौशनी नहीं जा रही ।।
सुना है कि अब बड़े लोगों से सजती है महफ़िलें...
यूँ तो रौशन किया है उसने पूरा शहर लेकिन,
एक मेरे घर तक ही उसकी रौशनी नहीं जा रही ।।
सुना है कि अब बड़े लोगों से सजती है महफ़िलें...