...

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बिखर
#बिखर
निखर जाएगा समझौता कर ले,
बिखर जायेगा ना हठ कर बे;
शीशा कहा टिकता गिर कर रे,
तू भी फ़िर कैसे बच पायेगा रे।

तू भी तो शीश महल सा है,
सारा अस्तित्व काँच के घर सा है।
परिस्थितियों के आगे तू बौना हो जायेगा,
वक़्त है अब भी तू खुद को समझा ले रे।

मान जा रे ,ना हठ कर रे।
© sarikaquotes