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दोस्ती ऐसी भी
छोटा सा शरीर घाव देती वो गंभीर
लड़ती भी खूब और जलती भी खूब।
ना मिले तो चैन नही
और दिख जाए तो खुशी की सीमा नही,
पास में होना उसका
देता दिल को सुकून है,
इंसान तो है वो प्यारा सा
बस कहीं बैठता नही
वो इंसान है थोड़ा आवारा सा।
पहली बार जब देखा तो अजीब उसका साया था
मन को तो खूब वह भाया था,
कितनी बार तो उस पर दिल अपना खोया था
अनजान था मै तब
की वह दोस्ती से बढ़ कर कुछ लाया था।
© sharma
लड़ती भी खूब और जलती भी खूब।
ना मिले तो चैन नही
और दिख जाए तो खुशी की सीमा नही,
पास में होना उसका
देता दिल को सुकून है,
इंसान तो है वो प्यारा सा
बस कहीं बैठता नही
वो इंसान है थोड़ा आवारा सा।
पहली बार जब देखा तो अजीब उसका साया था
मन को तो खूब वह भाया था,
कितनी बार तो उस पर दिल अपना खोया था
अनजान था मै तब
की वह दोस्ती से बढ़ कर कुछ लाया था।
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