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रात कहानी कहती है
रात कहानी कहती है,
उन्न आँसुओं का ,
जो तकिये में मूंह छुपा के बहाये गये।
उस तन्हाई भरे वक़्त का,
जो करवट लेते हुए बीत गये।
उन्न मुस्कुराते हुए शकलों के
पीछे का राज़ जो अंधेरे में बेनकाब हो गये।
उन्न गुमसुम होठों के,
बिलक्ति चिंखें जो बेजुबान होके भी
सुनाई दे गये।
© All Rights Reserved
उन्न आँसुओं का ,
जो तकिये में मूंह छुपा के बहाये गये।
उस तन्हाई भरे वक़्त का,
जो करवट लेते हुए बीत गये।
उन्न मुस्कुराते हुए शकलों के
पीछे का राज़ जो अंधेरे में बेनकाब हो गये।
उन्न गुमसुम होठों के,
बिलक्ति चिंखें जो बेजुबान होके भी
सुनाई दे गये।
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