।।भगवान हर मुसीबत मुझे क्यों देते है।।
थक गई हूं भगवान तेरी परीक्षा से,
संकट में जान है मेरी और कश्ती डूब रही आहिस्ता से।
तूने आज से पहले जितने दुख दिए सब सह लिए खुशी से,
अब अक चुकी हूं इन सब झमेलो से।
तूने जितना दिया उसमे खुद को ढाल लिया,
पर अब कम में भी तू मुसीबत...
संकट में जान है मेरी और कश्ती डूब रही आहिस्ता से।
तूने आज से पहले जितने दुख दिए सब सह लिए खुशी से,
अब अक चुकी हूं इन सब झमेलो से।
तूने जितना दिया उसमे खुद को ढाल लिया,
पर अब कम में भी तू मुसीबत...